तिरंगे की कहानी - उसी की जुबानी
मैं आजादी का एक हिस्सा हूं,
पर आज सिर्फ किताबों में किस्सा हूं।
आज भी मैं गुम हूं कही भीड़ में,
मैं सिर्फ गांधी के एक सपने जैसा हूं।।
मार रहा एक इंसान दूसरे इंसान को,
लगता है आजाद किया किसी शैतान को।
अरे मूर्खो, ये देश था एक सोने की चिड़िया,
मत तोड़ो इस हिंदुस्तान महान को।।
मत मनाओ आजादी जब तक हर लड़की आजाद ना हो,
बंद करो ये ढोंग जब तक हर इंसान आबाद ना हो।
मत लूटो इस देश को ए आजाद परिंदो,
जरा सोचो थोड़ा की इसकी इज्जत बर्बाद ना हो।।
रूरल इंडिया की तस्वीर दिखाते हो,
पर सच बात तुम सब छिपाते हो।
ये आज भी वही महान भारत देश है,
पर इसे लूट के तुम सिर्फ मुस्कुराते हो।।
गांधीजी हो या फिर नेताजी हो,
गांधीजी हो या फिर नेताजी हो,
पंडित हो या कोई काज़ी हो।
कोई नही सुधार सकता इस देश के हालातों को,
जब तक तुम सब ही ना राज़ी हो।।
जरा सोचो क्या मतलब है इन तीन रंगों का,
याद करो क्या मकसद था उन आजादी के बन्दों का।
क्या ये सोचकर आजादी पाई थी तुमने,
की खून कर दोगे इंसानी संबंधों का।।
मैं आज सिर्फ यही चाहता हु सबसे,
देख रहा मैं ये सपना कब से।
इस देश का हर इंसान सच में आजाद हो,
ये ही दुआ है मेरी उस रब से।।
वादा करो कि एक नया भारत बनाओगे,
भारत मां की लाज तुम सब बचाओगे।
विविधता में एकता ही नारा है इस देश का,
दुनिया को ये साबित कर के दिखलाओगे।।
जय हिंद, जय भारत।।
This is just awesome. I loved it.
ReplyDeleteThanks for the first review.
DeleteSahi kah gae aap. Aise khyalat waale hi duniya badal sakte h. Bas ye jazba kuch panktiyon me na simat Jaye yahi Meri iccha hogi . Jai Hind Jai Bharat.
DeleteOk boss... Ye jazba kaayam hai aur rahega...
Delete🙌 Hats-off Sumit!
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